tag:blogger.com,1999:blog-1293216683043982507.post2690229174607470991..comments2023-04-28T19:24:38.065+05:30Comments on रैकी आध्यात्मिक चिकित्सा पद्धति: रात थी पूस की....Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/14915638300497880899noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1293216683043982507.post-83394000725149014512018-01-15T17:11:02.245+05:302018-01-15T17:11:02.245+05:30बहुत अच्छी रचना वैभवी जी।बहुत अच्छी रचना वैभवी जी।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293216683043982507.post-87955728823442758992018-01-15T13:04:18.845+05:302018-01-15T13:04:18.845+05:30बहुत खूब !!बहुत खूब !!शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293216683043982507.post-32123531518588891122018-01-15T13:03:28.885+05:302018-01-15T13:03:28.885+05:30सुंंदर रचना।सुंंदर रचना।Pammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293216683043982507.post-19043412244880233112018-01-15T07:29:31.630+05:302018-01-15T07:29:31.630+05:30सुप्रभात
बहुत खूबसूरत लिखा आपने, परिस्थितियां चाहे...सुप्रभात<br />बहुत खूबसूरत लिखा आपने, परिस्थितियां चाहे अनुकूल ना हो ,पर मानव मन की जुगाड़ू प्रवृत्ति खंडहरों में भी उत्सव सा आंनद भर देगी , सुंदर लयबद्ध रचना.. वास्तविकता को छुती हुई ... बहुत अच्छी लगी..!Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293216683043982507.post-16748868094798718002018-01-15T00:19:03.384+05:302018-01-15T00:19:03.384+05:30"अलाव" बिषय आधारित रचनाओं का प्रकाशन सोम..."अलाव" बिषय आधारित रचनाओं का प्रकाशन सोमवार 15 जनवरी 2018 को किया जा रहा है जिसमें आपकी रचना भी सम्मिलित है . आपकी सक्रिय भागीदारी के लिये हम शुक्रगुज़ार हैं. साथ बनाये रखिये. <br />कृपया चर्चा हेतु ब्लॉग "पाँच लिंकों का आनन्द" ( http://halchalwith5links.blogspot.in) अवश्य पर आइयेगा. आप सादर आमंत्रित हैं. सधन्यवाद.Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1293216683043982507.post-83018698944568197092018-01-13T11:32:23.095+05:302018-01-13T11:32:23.095+05:30आदरणीया / आदरणीय रचनाकार
आपके सृजनशील सहयोग ने ह...आदरणीया / आदरणीय रचनाकार <br /><br />आपके सृजनशील सहयोग ने हमें आल्हादित किया है। इस कार्यक्रम में चार चाँद लगाने के लिए आपका तहे दिल से आभार। <br /><br />हमें पिछले गुरूवार (11 जनवरी 2018 ) को दिए गए बिषय "अलाव" पर आपकी ओर से अपेक्षित सहयोग एवं समर्थन मिला है। <br /><br />आपकी रचना हमें प्राप्त हो चुकी है जोकि संपादक-मंडल को भेज दी गयी है। कृपया हमारा सोमवारीय अंक (15 जनवरी 2018 ) अवश्य देखें। आपकी रचना इस अंक में (चुने जाने पर ) प्रकाशित की जाएगी। <br /><br />हम आशावान हैं कि आपका सहयोग भविष्य में भी ज़ारी रहेगा। <br /><br />सधन्यवाद। <br /><br />टीम पाँच लिंकों का आनंदSweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.com